Sarfaraz

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लेखनी कहानी -09-Feb-2022 गीत

🌹*🌹*🌹*🌹नग़मा 🌹*🌹*🌹*🌹

रुख़  पर हसीन ज़ुल्फों की ज़ंजीर देख कर।
हैरत   ज़दा  हैं  हम  तिरी  तस्वीर देख कर।

चेहरा  सनम   है  तेरा  या  कोई  किताब है।
शर्मिन्दा  जिसके  सामने  हर इक गुलाब है।
यह ही ख़याल आता है इस दिल में बाखुदा।
रौशन   है  जिस से  रात  तू  वो माहताब है।

आँखों  की  तेरी  हाय  ये तसख़ीर देख कर।
हैरत   ज़दा   हैं  हम  तिरी तस्वीर देख कर।

रुख़सार   तेरे  छूती  हैं  कानों  की बालियाँ।
तेरी   बलाएँ   लेतीं   हैं  फूलों  की डालियाँ।
कैसे     क़रार    आए   दिले    बेक़रार  को।
झलका  रहीं  है  हुस्न  ये कुर्ते की जालियाँ।

अबरू  की तेरी जाने जाँ शमशीर देख कर।
हैरत  ज़दा   हैं   हम  तिरी तस्वीर देख कर।

होठों  पे  इस  सजी हुई मुस्कान की क़सम।
जी  चाहता  है  चूम  लें  तस्वीर को ही हम।
हो  दीद  तेरी हमको ह़क़ीक़त  में भी कभी।
बस  ये  ही  जुस्तजू  है  हमारी तो ऐ सनम।

नागिन  सी  तेरी  ज़ुल्फ़े गिरहगीर देख कर।
हैरत   ज़दा  हैं  हम  तिरी तस्वीर देख कर।

रुख़ पर हसीन ज़ुल्फों की ज़ंजीर देख कर।
हैरत  ज़दा  हैं  हम  तिरी  तस्वीर देख कर।

सरफ़राज़   हुसैन  " फ़राज़ "  पीपलसाना।

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

10-Feb-2022 04:57 PM

बहुत खूबसूरत

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Swati chourasia

09-Feb-2022 02:49 PM

Awesome

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Simran Bhagat

09-Feb-2022 02:10 PM

Amazing

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